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Rajput ko kabu kaise kare

Rajput ko kabu mein kaise karen, दोस्तों राजपूत को काबू करना क्यों नामुमकिन है, यह आप आर्टिकल पढ़ने के बाद आसानी से समझ जाएंगे, तो आर्टिकल को पूरा पढ़िए और कमेंट बॉक्स में हमें बताइए की क्या आपको लगता है कि राजपूत को काबू में कैसे करें?

क्षत्रिय, राजन्य, राजपुत्र

राजपुत का मतलब है राजा-पूत्र (राजा का पुत्र) और क्षत्रिय नाम से भी इन्हे जाना जाता है, राजपूत शब्द संस्कृति भाषा के राजपूत्र शब्द से निकला हुआ है।

इनका अधिकतम शासन 7 वीं से 12 वीं सदी तक रहा ।

Rajput Ko kabu Kaise Kare

Rajput ko kabu mein kaise karen – दोस्तों आज हम आपको राजपूतों के इतिहास के बारे में बताएंगे उनका इतिहास जिन्होंने वीरता और दृढ़ संकल्प के प्रति राष्ट्र और अपने साम्राज्य के लिए अपने प्राणों की आहुति तक दे दी, जिनका नाम सुनते ही हमारे नसों में रक्त तेजी से दौड़ने लगता है। हां दोस्तों ऐसे ही वीर थे राजपूत और इन राजपूतों के इतिहास के बिना इतिहास भी फीका पड़ जाता है।

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सामान्य रूप से इस शब्द (राजपुत) का प्रयोग प्राचीन काल में किसी जाति के रूप में ना कर के परिवार के सदस्य के लिए किया जाता था।पर हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद इस शब्द का प्रयोग किसी परिवार के सदस्य के रूप में ना करके एक जाति के रूप में किया जाने लगा।

सातवीं शताब्दी मैं सम्राट हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद से लेकर 12 वीं शताब्दी के अंत में मुसलमानों की विजय तक लगभग 500 वर्ष के काल में राजपूतों ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इन 500 वर्षों के युद्ध-काल में राजपूतों ने बहुत वीरता से डटकर विरोधी का सामना किया।

Rajput ko kaise kabu karen – राजपूतों में परिहार, चौहान, सोलंकी, परमार, तोमर, कमजोरी, गढ़वाल वीरता प्रेम देशभक्ति साहसी आदि जैसे बहुत से गुण इनमे शामिल है, और यह एक वीर जाती है। आजकल इस जाति का प्रभाव थोड़ा कम है, परंतु इतिहास के पन्ने को खोल कर देखे तो सबसे वीर राजपूत जाति मानी जाती है, इस जाति में ही इतिहास में सबसे अधिक वीर पैदा हुए हैं, जिन्होंने कि अपने ऊपर आने वाली हर समस्याओं का डटकर सामना किया है, और अपने साम्राज्य पर आने वाली हर मुसीबत को मात दी है।

इनमें वीरता, उदारता, स्वतंत्र प्रेम, देश भक्ति धर्म भक्ति के साथ में मिथ्या कुलभीमान तथा एकता बद होकर कार्य करने की क्षमता वाले गुण भी थे। मुसलमानों के आक्रमण के समय राजपूत हिंदू धर्म और संस्कृति के परंपरा के रक्षक बनकर राजपूत एक विशेष रूप में सामने आए। इसी तरह इतिहास में आने वाले हर धर्म संकट की और साम्राज्य समस्याएं का सामना करने में राजपूतों का एक विशेष स्वरुप है।

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राजपूत शब्द का प्रयोग सातवीं शताब्दी के शुरुआत में प्रचलित हुआ जन सूत्रों के अनुसार अगर हम देखे तो राजपूत और सूर्यवंशी एवं चंद्रवंशी क्षत्रिय के वंश है इनकी यशोगाथा रामायण महाभारत जैसे गाथा मैं वर्णित हैं राजपूतों में सबसे महान योद्धा पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप, राव चंद्र सेन, वीर कुंवर सिंह, विरम देव चौहान, राणा सागा आदि जैसे बहुत से राजा है जिन्होंने बहुत समय तक शासन चलाया और अपने समाज को बढ़ावा दिया।

Conclusion:-

राजपूत के गौरवशाली इतिहास को देखते हुए हम यह आसानी से कह सकते हैं कि यह एक सभ्य और छत्रिय समाज रहा है, यह जाति अपने आप में बहुत गौरवशाली रही है, महाराणा प्रताप जैसे योद्धाओं ने इसको बहुत ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, बड़े-बड़े राजाओं महाराजाओं ने राजपूत नाम का परचम दूर-दूर तक लहराया है, इसलिए यह आसानी से कहा जा सकता है कि राजपूत को काबू करना नामुमकिन है

तो दोस्तों आपने इस आर्टिकल में देखा कि राजपूत को काबू कैसे करें (Rajput Ko kabu Kaise Kare) अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे अपने राजपूत दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजिए, और अगर आप एक राजपूत हैं तो आप अपनी राय दें और बताएं कि क्या राजपूत को काबू करना संभव है, दोस्तों मिलते हैं आपसे किसी नए आर्टिकल में नए टॉपिक के साथ।

जय हिंद, जय भारत।

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