Metaverse In Hindi – मेटावर्स क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में

complete information about metaverse in hindi

दोस्तों क्या आपको पता है कि हाल ही में फेसबुक ने अपनी कंपनी को Meta नाम से रीब्रांड कर लिया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि Metaverse या Meta क्या होता है? और फेसबुक कंपनी मेटावर्स के कांसेप्ट को बढ़ा चढ़ाकर क्यों दिखा रही है, मेटावर्स कुछ दिनों से बहुत ही चर्चित विषय बना हुआ है, आज के के इस आर्टिकल में मैं आपको Metaverse के बारे में पूरी जानकारी दूंगा, और आसान भाषा में समझाउंगा कि मेटावर्स का कांसेप्ट क्या है? और यह हमारी तकनीक के बारे में समझ को किस तरह से अलग लेवल पर ले जा सकती है।

Metaverse In Hindi – दोस्तों अगर Metaverse नाम का मतलब देखे तो इसका मतलब होता है – “संसार से परे” Meta का मतलब होता है Beyond (के परे) और verse का मतलब ब्रह्मांड से है, यह एक ऐसी आभासी दुनिया की कल्पना है, जहां आप अपने स्थान पर रहकर ही बाहरी दुनिया के साथ इंटरेक्शन कर सकते हैं, आप एक स्थान पर रहते हुए भी अपने दोस्तों के साथ रहने का अनुभव कर सकते हैं।

Meta क्या है?

यह एक ऐसी दुनिया की कल्पना है जहां पर फिजिकल चीजों के जैसे ही आभाषी चीजें हमारे सामने होगी, यानी कि हम अपने घर पर अकेले बैठे हुए भी सभी दोस्तों के साथ पार्टी कर रहें होंगे, हमें आभास होगा कि हमारे दोस्त हमारे आस पास ही बैठे हैं, आपने AR (ऑगमेंट रियलिटी) के बारे में तो सुना ही होगा, ऐसी ही कुछ आधुनिक तकनीकों से मिलकर Metaverse का सपना सच होगा, आइए इसके बारे में पूरी जानकारी लेते हैं।

Metaverse का एहसास कैसा होगा?

दोस्तों आसान भाषा में समझे तो मेटावर्स और कुछ नहीं बल्कि सोशल मीडिया का एक एडवांस रूप है, फेसबुक पर आप क्या करते हैं अपने दोस्तों से बातचीत करते हैं, वीडियो कॉल करते हैं, अपने अनुभव को साझा करते हैं और ग्रुप बनाते हैं, लेकिन फेसबुक, व्हाट्सप्प या इंस्टाग्राम आदि पर यह सब कुछ चैटिंग के माध्यम से होता है, या आसान शब्दों में कहें तो हमें यह आभास होता है कि हमारा दोस्त हमारे पास नहीं है, आपने गूगल मीट या ज़ूम पर क्लास/मीटिंग की होगी, वहां पर आपको यह पता रहता है कि सामने वाला बंदा कैमरे के उस तरफ है, आपके पास नहीं है।

लेकिन मेटावर्स का सिद्धांत इन सभी समस्याओं को ख़तम कर देगा, आपके लिए मेटावर्स का अनुभव कुछ अंग्रेजी फिल्म अवतार के जैसा ही होगा, आपने बहुत सारी साइंस फिक्शन फिल्में देखी होंगी जिनमें मेटावर्स का कांसेप्ट होता है, जब मेटावर्स आप सभी के बीच होगा तो आप सिर्फ एक हेडफोन पहनकर नई दुनिया में जा सकते हैं, यह Computer Generated दुनिया होगी, जहां पर आप रोजमर्रा के कार्य कर पाएंगे, हालांकि कार्य कुछ सीमित ही होंगे, आप अपने दोस्तों और सगे सम्बन्धियों के साथ रहने का अनुभव कर पाएंगे, कुछ खरीदारी कर पाएंगे या नई नई जगह घूमने का एहसास सिर्फ अपने बंद कमरे में ही ले सकेंगे।

Facebook क्यों बनी Meta

Facebook पर Likes कैसे बढ़ाए?

फरवरी 2004 में बनी कंपनी फेसबुक जिसके संस्थापक मार्क जुकरबर्ग थे, वह कंपनी अब Meta नाम से रीब्रांड हो चुकी है, फेसबुक के द्वारा संचालित कंपनियों में व्हाट्सएप इंस्टाग्राम जैसी बहुत सी कंपनियां थी, लेकिन अब यह सभी कंपनियां एक पैरेंट कंपनी Meta के अंदर हैं, यानी कि फेसबुक व्हाट्सएप इंस्टाग्राम में किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है, सिर्फ इन सभी की पैरंट कंपनी Meta को लोगों के सामने लाया गया है, फेसबुक का अभी भी मकसद लोगों का एक दूसरों से जुड़ाव हैं, आगामी नई टेक्नोलॉजी, और भविष्य के गर्भ में कदम रखने के लिए मेटा कंपनी Metaverse के कांसेप्ट को लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया है।

आइए गौर करते हैं की मार्क जकरबर्ग का मेटावर्स के बारे में क्या कहना है –

The Metaverse

कल्पना कीजिए कि आप अपना हेडसेट पहनते हैं, और क्षण भर में आप एक ऐसी दुनिया में चले जाते हैं जहां पर सब आपकी फिजिकल दुनिया जैसा ही है, लेकिन हर एक चीज ऑगमेंट रियलिटी में रीक्रिएट की गई है, इस वर्चुअल रियलिटी की दुनिआ में सब कुछ असली जैसा प्रतीत होगा क्योंकि यह भौतिक संसार की चीजों को देखकर ही बनाया गया होगा, देखने में यहां कुछ अलग नहीं होगा लेकिन यह सब कुछ एक प्रकार से सॉफ्टवेयर के रूप में होगा।

यह वर्चुअल दुनिया बिल्कुल वैसी ही हो सकती है, जैसी आप कल्पना कर सकते हैं, क्योंकि यहां पर सब कुछ कंप्यूटर के द्वारा बनाया जाना है, जिस प्रकार से आप पेंटिंग बनाते वक्त कुछ भी काल्पनिक दुनिया की चीजें कैनवास पर उतार देते हैं, उसी प्रकार से यहां भी आप अपनी काल्पनिक दुनिया के समानांतर ही चीजें बना सकते हैं।

आप अपने दोस्तों के साथ हवा में उड़ते हुए ताश खेल सकते हैं, हालांकि आप अपने रूम में होंगे और आपके दोस्त पृथ्वी के किसी दूसरे कोने पर, लेकिन मेटावर्स का सिद्धांत आपको एक जगह बैठा सकता है, क्योंकि आप सभी ही वर्चुअल दुनिया में होंगे।

Privacy and Safety

मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि प्राइवेसी और सेफ्टी पर हमें पहले दिन से ही काम करना होगा, चीजें बिल्कुल वैसे ही काम करेगी जैसी हमारे भौतिक संसार में काम करती है, जिस तरह से आप फेसबुक पर किसी को ब्लॉक कर देते हैं तो वह आपके पास दोबारा मैसेज नहीं कर पाता, बिल्कुल उसी प्रकार से अगर आप मेटावर्स में किसी को ब्लॉक कर देंगे तो वह दोबारा आपके सामने कभी नहीं आएगा। आप मेटावर्स में एक अलग कमरा बना पाएंगे मार्क जकरबर्ग ने यहां पर इसे एक बबल की संज्ञा दी है यानी कि एक ऐसा ग़ुब्बारा जिसके बाहर हमें कोई ना देख सके, आप भौतिक संसार से सभी चीजें यहां पर वर्चुअली लेकर आ सकेंगे।

मार्क जकरबर्ग ने कहा है कि भौतिक संसार में आप टेलीविजन मोबाइल जैसी चीजों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मेटावर्स के कांसेप्ट में आप होलोग्राफिक स्क्रीन का इस्तेमाल करेंगे, आपने होलोग्राम के बारे में जरूर सुना होगा, मेटावर्स की दुनिया में आपको कोई डिस्प्ले देखने को नहीं मिलेगी सब कुछ होलोग्राम के रूप में होगा।

Horizon Home & Horizon World

मार्क जुकरबर्ग ने यहां पर होराइजन होम के बारे में बताया है, मेटावर्स की दुनिया में कदम रखने की पहली सीढ़ी आप होराइजन होम मान सकते हैं, जब आप पहली बार हेडसेट को अपने सिर पर रखेंगे तो शुरुआती रूप में आप होराइजन होम के अंदर होंगे, यह आपका एक ऐसा घर होगा जिसको आप अपने हिसाब से डिजाइन कर पाएंगे, घर की थीम के रूप में यहां पर कुछ ऑप्शंस होंगे फिलहाल कुछ लिमिटेड ऑप्शन ही है, लेकिन जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी विकसित होती जाएगी उसी प्रकार से नए नए कांसेप्ट आपके सामने आते जाएंगे और नए-नए डिजाइन भी हमें मिलेंगे, आप खुद अपने होराइजन होम को डिजाइन कर पाएंगे।

जिस प्रकार से आपका अपना घर होता है, उसी प्रकार से वर्चुअल दुनिया में भी आपका घर होगा, आप अपने दोस्तों को अपने घर पर इनवाइट कर पाएंगे, जहां आप पार्टी कर सकते हैं, खेल सकते हैं या कोई निर्माण कार्य भी कर सकते हैं, कल्पना कीजिए की वर्चुअल दुनिया में यह सब करना कितना नया अनुभव होगा।

होराइजन होम एक सीमित जगह होगी, हालांकि होराइजन वर्ड का कांसेप्ट एक संसार के रूप में रखा जाएगा।

Work in the Metaverse

दोस्तों कोरोना काल में work-from-home को बहुत बढ़ावा मिला है, बहुत से बड़े बड़े बिजनेस हैं जिन्होंने work-from-home को लोकडाउन के बाद भी जारी रखा, क्योंकि उनके बहुत से एम्प्लाइज को रिमोट वर्किंग में ज्यादा मजा आने लगा, कोई भी एंप्लोई यह जरूर चाहेगा कि वह अपने घर की लकी पेंट पहन कर काम कर सके, वर्क फ्रॉम होम सभी के लिए बेस्ट होता है, एक स्टडी के मुताबिक घर से काम करने वाले एंप्लाइज ऑफिस में काम करने वालों से अधिक मेहनत और लगन से काम करते हैं, लेकिन मेटावर्स में वर्क फ्रॉम होम के लिए क्या खास है।

मार्क जुकरबर्ग ने बताया कि आप मेटावर्स के अंदर अपने फेसबुक अकाउंट के माध्यम से लॉगिन कर सकते हैं, और अपना एक मीटिंग एरिया चुन सकते हैं, जहां पर आप के बनाए गए स्थान में मीटिंग करने के लिए बहुत से लोग इकट्ठे हो सकते हैं, यहां पर आपको आगे चलकर कुछ ऐसे टूल्स भी मिलेंगे जिससे आप नई चीजें भी क्रिएट कर पाएंगे, आपको आपके आस पास उसी प्रकार से लोग बैठे दिखेंगे जिस प्रकार से ऑफिस की मीटिंग में मिलते हैं, फर्क इतना रहेगा कि आप सभी को उस रूम में उस रूप में देखेंगे जिस रूप को उन्होंने चुना है, जिस प्रकार से आप स्नैपचैट की प्रोफाइल फोटो में अपने कपड़े बदलकर अवतार चेंज कर लेते हैं, मेटावर्स में भी आप कुछ वैसा ही कर पाएंगे, लोगों को दिखाने के लिए आप अलग कपड़े सेलेक्ट कर पाएंगे।

Devloper Services/Fees

मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि जिस प्रकार से एंड्रॉयड और आईओएस की एप्लीकेशंस को कोई भी डेवलपर बना सकता है, उसी प्रकार से मेटावर्स में भी डेवलपर्स कार्य कर सकते हैं, यहां पर कुछ डेवलपर्स Meta कंपनी अपनी तरफ से हायर करेगी, तो कुछ आम लोग होंगे, मेटावर्स काफी हद तक एक open-source के रूप में काम करेगा, जहां पर कोई भी आकर निर्माण कार्य कर सकेगा।

मार्क जुकरबर्ग का कहना है कि मेटैवर्स में भी सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन होंगी, हालांकि वे आपके मोबाइल या कंप्यूटर में चलने वाले एप्प्स से कुछ अलग होंगी, जैसे-जैसे मेटावर्स का चलन बढ़ता जाएगा, वैसे वैसे डेवलपर्स भी बढ़ते जाएंगे, और आगे चलकर यह हमारी दुनिया की तरह ही एक अलग दुनिया कायम हो जाएगी, जिसमें बहुत सारे लोग मिलकर कोई क्रिएटिव काम कर पाएंगे।


Conclusion:-

दोस्तों संसार में तकनीकी बढ़ती जा रही है, नई-नई चीजें इजाद हो रही है, इंटरनेट के आते ही तकनीकी दुनिया में एक विस्फोट हुआ है, और यह बहुत तेजी से फैली है, लेकिन अब जब मेटावर्स का कांसेप्ट हमारे सामने आया है, तो लगता है कि यह तीर्व गति से बदलता हुआ संसार अपनी सभी सीमाएं तोड़ने जा रहा है।

मेटावर्स को असल जिंदगी में देखना हमारे लिए बहुत ही रोमांचक अनुभव होगा, तो इंतजार करते हैं और देखते हैं कि Metaverse का सपना कब तक सच होता है, इस आर्टिकल में आपने Meta & Metaverse को डिटेल में पढ़ा है, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ है जरूर साझा करें, मिलते हैं किसी नए आर्टिकल में नए टॉपिक के साथ।

जय हिंद, जय भारत।

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