क्रिप्टोकरंसी क्या है ? पूरी जानकारी हिंदी में।

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नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका हमारे एक नए आर्टिकल में नई जानकारी के साथ। वर्तमान समय में हर चीज डिजिटल तरीके से उपयोग हो रही है इसलिए करंसी ने भी डिजिटल रूप धारण कर लिया है जिसे क्रिप्टोकरंसी कहा जाता है। हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी ने भी अपने नाम से कॉइन लॉन्च किए हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से आपको क्रिप्टोकरंसी के बारे में जानकारी दी जाएगी। क्रिप्टोकरंसी क्या है, इसका प्रयोग आप कैसे कर सकते हैं तथा विश्व में इसका क्या मूल्य है?

तो चलिए शुरुआत करते हैं और जानते हैं क्रिप्टोकरंसी के बारे में हर प्रकार की जानकारी। अंत तक आप हमसे जुड़े रहिए ताकि आपको स्पष्ट व उचित जानकारी प्राप्त हो सके जिसके द्वारा आपके मन में चल रहे हर प्रश्न का हाल आप प्राप्त कर सके।

क्रिप्टोकरंसी क्या है ?

क्रिप्टोकरंसी एक डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है जो क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करके सुरक्षित की जाती है। यह केंद्रीय बैंक या सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं की जाती है। बल्कि यह एक भी विकेंद्रीकृत नेटवर्क पर आधारित है।

क्रिप्टोग्राफी वह कला है जिसमें जानकारी को इस तरह सुरक्षित किया जाता है कि केवल सही व्यक्ति ही उसे समझ सके। इसमें संदेशों को गुप्त कोड या उलझे हुए डेटा में बदलने की तकनीक का उपयोग किया जाता है, ताकि अगर कोई और उसे देख भी ले, तो बिना एक खास कुंजी (पासवर्ड) के उसे समझ न सके। यह पासवर्ड, संदेश और वित्तीय जानकारी जैसे डेटा को हैकर्स या अनधिकृत पहुंच से बचाने में मदद करता है।

सबसे प्रसिद्ध मुद्रा बिटकॉइन है लेकिन इसके अलावा भी अन्य कई प्रकार की क्रिप्टोकरंसी है जैसे एथेरियम, लाइटकॉइन,रिपल आदि उपलब्ध है। क्रिप्टोकरंसी का उपयोग ऑनलाइन निवेश और व्यापार के लिए किया जाता है। यह ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होती है जो एक सुरक्षित और स्पष्ट रिकॉर्ड बनाने का काम करती है।

क्रिप्टोकरंसी का उपयोग क्यों और कैसे होता है?

क्रिप्टोकरंसी का प्रयोग कई कर्म से किया जाता है और यह पारंपरिक मुद्राओं से अलग है। क्योंकि वर्तमान में क्रिप्टोकरंसी सबसे सुरक्षित मुद्राओं में से एक है इसलिए इसका उपयोग अधिक मात्रा में किया जाता है।

  • सबसे प्रमुख कारण यह है कि क्रिप्टोकरंसी विकेंद्रीकृत होती है। यानि इसको सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता।
  • यह ऑनलाइन लेनदेन को तेजी से और सस्ते तरीके से संभव बनाता है।
  • क्रिप्टोकरंसी का एक और लाभ यह है कि यह वैश्विक स्तर पर काम करती है।
  • इसका उपयोग सीमा पार लेनदेन में आसानी से किया जा सकता है। जिससे लेनदेन की लागत कम होती है।
  • क्रिप्टोकरंसी का उपयोग निवेश के रूप में भी किया जाता है। लोग इसे भविष्य में मूल्य वृद्धि की उम्मीद में खरीदते है।

Types of Crypto currency:-

क्रिप्टोकरेंसी के कई प्रकार होते हैं। जिनमें विभिन्न उपयोग और विशेषताएं हैं। यहां कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरंसी के प्रकार और उनकी विशेषताएं बताई गई है जो हम आगे विस्तार से पढ़ेंगे:-

बिटकॉइन (Bitcoin – BTC):-

  1. बिटकॉइन सबसे पहले और सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरंसी है।
  2. इसे 2009 में “सातोशी नाकामोटो” नामक गुमनाम व्यक्ति या समूह द्वारा विकसित किया गया था।
  3. बिटकॉइन ब्लॉकचेन पर आधारित और विकेंद्रीकृत है।
  4. यह मुख्य रूप से एक मूल्य को सुरक्षित रखना और Peer-to-Peer ट्रांजेक्शन  के लिए उपयोग किया जाता है।
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                         Bitcoin

एथेरियम(Ethereum – ETH):-

  1. इसे 2015 में विकासक “वितालिक बुटेरिन” द्वारा लांच किया गया था।
  2. एथेरियम एक ब्लॉकचेन प्लेटफार्म है जो स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट और विकेंद्रीकृत एप्लीकेशन को सक्षम बनाता है।
  3. इसका उपयोग ट्रांजेक्शन शुल्क और गणना सेवाओं के लिए होता है।
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Ethereum

रिपल(Ripple – XRP):-

  1. रिपल एक भुगतान नेटवर्क और क्रिप्टोकरंसी दोनों है।
  2. XRP को विशेष रूप से तेज और कम लागत वाले क्रॉस-बॉर्डर लेनदेन के लिए डिजाइन किया गया है।
  3. रिपल नेटवर्क को केंद्रीकृत माना जाता है क्योंकि Ripple labs के पास XRP का बड़ा हिस्सा होता है।
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Ripple

लाइटकॉइन(Litecoin – LTC):-

  1. लाइट कॉइन को 2011 में चार्ली ली द्वारा बिटकॉइन के “हल्के” संस्करण के रूप में विकसित किया गया था।
  2. लाइट कॉइन में बिटकॉइन की तुलना में तेज ब्लॉक जेनरेशन समय (2.5 मिनट) होता है।
  3. इसका उपयोग Peer-To-Peer ट्रांजेक्शन  के लिए किया जाता है और यह एक डिजिटल मुद्रा के रूप में स्वीकार किया जाता है।
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 Litecoin

डॉगकॉइन (Dogecoin)

  1. यह एक मजाक के रूप में शुरू हुआ था लेकिन अब यह एक प्रमुख क्रिप्टोकरंसी बन चुका है जिसे 2013 में बिलि मार्क्स और जैक्स द्वारा मजाक के तौर पर बनाया गया था।
  2. इसका नाम एक प्रसिद्ध इंटरनेट मीम “Doge” से लिया गया है।
  3. डोगकॉइन ने काफी तेजी से लोकप्रियता हासिल की है।
  4. डॉगकॉइन के नेटवर्क पर ट्रांजैक्शंस की गति बिटकॉइन की तुलना में काफी तेज है।
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Dogecoin

सोलाना(Solana):-

  1. इसे 2020 में एनेट्टा कीट द्वारा विकसित किया गया था।
  2. यह तेज और कम लागत वाली ट्रांजेक्शन  प्रणाली है।
  3. इसमें प्रति सेकंड 65,000 ट्रांजेक्शन  प्रोसेस करने की क्षमता है।
  4. इसमें प्रूफ-आफ-हिस्ट्री(PoH)प्रोटोकॉल का उपयोग किया गया है।
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Solana

क्रिप्टोकरंसी और पारंपरिक धन के बीच अंतर Difference between cryptocurrency and money:-

क्रिप्टोकरंसी और पारंपरिक धन के बीच कई महत्वपूर्ण भेद है, जो उनके स्वरूप, संचालन और उपयोग के तरीके में अंतर उत्पन्न करते हैं।

1.स्वभाव और रूप:-

क्रिप्टो करेंसी:- क्रिप्टोकरंसी एक डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है जो ब्लॉकचेनतकनीक पर आधारित है इसका कोई भौतिक रूप नहीं होता है और यह है पूर्ण रूप से इलेक्ट्रॉनिक रूप में ही संचालित होती है। यह सरकार द्वारा निर्धारित नहीं होता है।जैसे – बिटकॉइन, डॉगकॉइन इत्यादि।

पारंपरिक धन:- यह भौतिक रूप में होता है जैसे सिक्के और नोट। यह सरकार द्वारा जारी किया जाता है और इसका मूल्य राज्य की अर्थव्यवस्था और सरकारी नीतियों द्वारा निर्धारित होता है। रुपए, डॉलर, यूरो आदि इसके उदाहरण है।

2.लेन-देन की प्रक्रिया:-

क्रिप्टोकरंसी:- यह लेन-देन के लिए ब्लॉकचेनका उपयोग करती है।जो एक सार्वजनिक लेजर है, जहां सभी लेन-देन का रिकॉर्ड रखा जाता है। लेन-देन की पुष्टि प्रूफ-ऑफ-वर्क या प्रूफ-ऑफ-स्टेक जैसे मेथड्स से होती है।

पारंपरिक धन:- इसमें लेन-देन बैंकिंग सिस्टम के माध्यम से होता है। जहां बैंक को या अन्य वित्तीय संस्थाओं के जरिए लेन-देन को नियंत्रित और सत्यापित किया जाता है।

3.सुरक्षा और धोखाधड़ी

क्रिप्टोकरंसी:- इसको सुरक्षित बनाने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग किया जाता है जो इसे उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान करता है। हालांकि, इसका पूरा सुरक्षा ढांचा पूरी तरह से निर्भर करता है कि उपयोगकर्ता अपने वॉलेट और निजी कुंजी(पासवर्ड)को सुरक्षित रखें। हैकिंग और स्कैम जैसी घटनाएं हो सकती है।

पारंपरिक धन:- पारंपरिक धन को सुरक्षित रखने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा सुरक्षा उपाय किए जाते हैं। हालांकि, इसमें धोखाधड़ी के मामले जैसे- नकली मुद्रा, बैंक फ्रॉड और अन्य आपराधिक गतिविधियां होती है।

4.लेन-देन की गति और लागत:-

क्रिप्टोकरंसी:- क्रिप्टोकरंसी के लेनदेन की गति ब्लॉकचेन नेटवर्क की गति पर निर्भर करती है। हालांकि कुछ नेटवर्क (जैसे- सोलाना और लाइटकॉइन) तेज़ लेन-देन प्रदान करते हैं जबकि बिटकॉइन और एथेरियम जैसे नेटवर्क में लेन-देन धीमा हो सकता है। ट्रांजेक्शन  फीस भी कभी-कभी उच्च हो सकती है।

पारंपरिक धन:- पारंपरिक धन का लेनदेन बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं के जरिए किया जाता है और इसकी गति और लागत इन संस्थाओं की नीतियों पर निर्भर करती है। कुछ मामलों में इंटरनेशनल ट्रांसफर की फीस अधिक होती है।

क्रिप्टोकरंसी और पारंपरिक धन दोनों के अपने-अपने लाभ और सीमाएं हैं। जहां एक ओर क्रिप्टोकरंसी विकेंद्रीकरण, उच्च गति और न्यूनतम शुल्क की पेशकश करती है वहीं दूसरी ओर पारंपरिक धन की व्यापकता, स्वीकार्यता और स्थिरता इसे एक पारंपरिक और भरोसेमंद विकल्प बनाती है। इन दोनों के बीच चुनाव और उपयोग किसी के व्यक्तिगत जरूरत और प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है।

Conclusion:-

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने क्रिप्टोकरंसी के विषय में हर जानकारी प्राप्त की है। यदि आपको यह जानकारी लाभदायक लगी हो तो इसे अपने अन्य दोस्तों के साथ अवश्य सांझा करें ताकि उन्हें भी इसका लाभ प्राप्त हो सके। यदि आपके मन में इस आर्टिकल से संबंधित कोई प्रश्न या सुझाव है तो कमेंट करके अवश्य बताएं।

धन्यवाद।

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