भारत के अंतिम गवर्नर जनरल कौन थे? पूरी जानकारी हिंदी में।

20221001 204105 0000 min

दोस्तों, एक बार फिर से आपका हमारे नए आर्टिकल में बहुत बहुत स्वागत है। इस आर्टिकल में हम भारत के अंतिम गवर्नर जनरल के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे इसलिए इसे ध्यान पूर्वक पढ़ें व लाभदायक जानकारी प्राप्त करें।पहले हम यह जान लेते हैं कि गवर्नर जनरल कौन होते हैं?

 आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि गवर्नर जनरल वह व्यक्ति होता है जिसके नियंत्रण में शासन चलाया जाता या वह व्यक्ति जो राजा अथवा रानी के शासन के समय पर मुख्य प्रतिनिधि के रूप में शासन पर नियंत्रण रखता था उसी को भारत में गवर्नर जनरल कहा जाता था। भारत के प्रथम गवर्नर जनरल विलियम बेंटिक थे।

भारत के अंतिम गवर्नर जनरल कौन थे?

bharat ke governer genral

भारत के अंतिम गवर्नर जनरल सी.राजगोपालाचारी थे।

इनका पूरा नाम चक्रवर्ती राजगोपालाचारी है। इन्हें सीआर और राजा जी के नाम से भी जाना जाता है। 1948 से 1950 तक इन्होंने भारत के गवर्नर जनरल के रूप में कार्य किया। यही हमारे देश के पहले भारतीय गवर्नर जनरल बने थे।

इनका जन्म 10 दिसंबर, 1878 को मद्रास में हुआ था। इनके पिता का नाम चक्रवर्ती वेंकटार्यन व माता का नाम चक्रवर्ती सिंगाराम्मा था। यह हिंदू धर्म से संबंध रखते हैं।इन्होंने बैंगलोर के सेंट्रल कॉलेज से Arts में अपनी Graduation पूरी की और इसके बाद इन्होंने 1897 में मद्रास के प्रेसिडेंसी कॉलेज Law Degree प्राप्त की थी।

 यह स्वतंत्रता सेनानी भी रह चुके है। इन्होंने स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह कुछ समय तक मद्रास के मुख्यमंत्री के पद पर भी कार्यरत रहे हैं और लोगों के सामने अपने एक बेहतरीन राजनेता की छवि प्रस्तुत की है इसलिए लोगों द्वारा इन्हें बहुत प्रेम प्राप्त हुआ। इनके द्वारा स्वतंत्र पार्टी की स्थापना की गई, इससे पहले यह कांग्रेस पार्टी के नेता थे। 1950 में इन्होंने गृहमंत्री के तौर प पर भी कार्य किया है।

राजगोपालचारी जी का गांधी जी के साथ काफी अच्छा संबंध माना जाता है। इन्होंने दलितों के भेदभाव पर भी विरोध जताया व उनके खिलाफ बने नियमों का डटकर विरोध किया। इन्होंने किसानों के हित के लिए भी अनेक कार्य की है। देश के प्रति अपने बेहतरीन कार्यों और अच्छे नागरिक होने के कारण इन्हें 1954 में भारत रतन द्वारा नवाजा गया।

राजगोपालचारी जी द्वारा किए गए कार्य:-

राजनीतिक कार्य:-

चक्रवर्ती जी के द्वारा सत्याग्रह आंदोलन का नेतृत्व किया गया था जिसके कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से छूटने के पश्चात इन्होंने सभी सुख-सुविधाओं को त्यागकर सादगी को अपनाया और

तरह से स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्पित हो गए। इनके द्वारा नमक कानून का भी उल्लंघन किया गया। राजनीति में इन्होंने इतना ऊंचा पद प्राप्त कर लिया था कि गांधीजी भी अनेक विषय पर इनकी राय लेने लगे थे।

समाज में इन्होंने अपने अनेक कार्यों द्वारा सभी को प्रभावित किया व समाज के लिए एक बेहतरीन राजनेता बने। असहयोग आंदोलन में इनके द्वारा बढ़ चढ़कर भाग लिया गया। इस कारण यह कई बार जेल भी गए परंतु अपने सिद्धांतों के आगे इन्होंने किसी चीज को नहीं आने दिया और सभी का निडरता पूर्वक सामना किया।

1942 में इनके द्वारा भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया क्योंकि जहां बाकी सब का यह मत था की देश आजाद हो परंतु ब्रिटिश यही रहे और चक्रवर्ती जी का यह मानना था कि ब्रिटिश कंपनी द्वारा भारत को पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त होनी चाहिए इसी मतभेद के चलते इन्होंने कांग्रेस पार्टी से त्यागपत्र भी दे दिया था तथा गांधी जी के साथ भी इनका मनमुटाव हो गया था।

साहित्यिक कार्य:-

चक्रवर्ती राजगोपालचारी जी अंग्रेजी और तमिल भाषा के सफल लेखक रहे है। इनके द्वारा सलेम साहित्यिक सोसाइटी की भी स्थापना की गई है। इन्होंने दक्षिण भारत में हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए अनेक कार्य किए है।

इनके द्वारा ‘रामायण’ व ‘महाभारत’ का तमिल में अनुवाद किया गया है। वह विद्वान और अद्भुत लेखन  प्रतिभा के धनी थे। उनकी लेखनी में तीखापन था। ‘गीता’ और ‘उपनिषदों’ पर उनकी टीकाएं प्रसिद्ध है। “चक्रवर्ती थरोमगम” के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार द्वारा सम्मानित भी किया गया है। नशाबंदी और विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार पर उन्होंने बहुत प्रचार प्रसार किया है।

देश के प्रति अपने बेहतरीन कार्यों और अच्छे नागरिक होने के कारण इन्हें 1954 में भारत रतन द्वारा नवाजा गया। वेशभूषा के द्वारा ही यह भारतीयता के भली-भांति दर्शन करवाते थे।

वर्तमान समय में गवर्नर:-

राज्य के राज्यपाल को की अंग्रेजी में गवर्नर कहा जाता है। वर्तमान में भारत के राज्यपाल श्रीमान शक्तिकांत दास जी है ।

राज्यपाल को राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है तथा इसका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। सभी राज्यों का अपना अलग राज्यपाल होता है जो राज्य के लिए कार्य करता है। राज्य के हर फैसले में राज्यपाल का निर्णय सबसे महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि राज्यपाल राष्ट्रपति द्वारा चुना जाता है इसलिए इसके कार्यकाल की अवधि भी राष्ट्रपति द्वारा बढ़ाई या घटाई जा सकती है।

राज्यपाल द्वारा किए जाने वाले कार्य:-

  • मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल द्वारा राज्य के मंत्री परिषद के मंत्रियों की नियुक्ति की जाती है।
  • राज्यपाल के द्वारा ही मंत्रियों को शपथ दिलाई जाती है।
  • राज्यपाल द्वारा ही विधानसभा की बैठकों को नियुक्त किया जाता है क्योंकि राज्यपाल विधानसभा का प्रमुख अंग होता है।
  • मुख्यमंत्री के परामर्श पर राज्यपाल विधानसभा को भंग भी कर सकता है।
  • विधानसभा में बहुमत प्राप्त नेता को राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री बनाया जाता है।
  • राज्यपाल State की सभी University का Chancellor यानी कुलपति होता है।
  • उप कुलपतियों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा ही की जाती हैं।

FAQ:-

भारत के पहले गवर्नर जनरल कौन थे?

भारत के पहले गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक थे।

वर्तमान समय में भारत में कितने गवर्नर हैं?

वर्तमान समय में भारत में प्रत्येक राज्य के अलग-अलग गवर्नर है। इनकी कुल संख्या 28 हैं।

गवर्नर कौन होता है?

राज्यपाल या गवर्नर उस व्यक्ति को कहा जाता है जो राज्य के सभी प्रमुख निर्णय लेता है और जिसे राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है।

गवर्नर की सैलरी कितनी होती है?

गवर्नर या राज्यपाल की सैलरी ढाई लाख के करीब होती है।

भारत के वर्तमान गवर्नर कौन है?

वर्तमान में भारत के गवर्नर श्रीमान शक्ति कांत दास है।

Conclusion:-

वर्तमान समय में चक्रवर्ती राजगोपालचारी जी युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत हैं जिन्होंने देश के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। इनके द्वारा अनेक महान कार्य किए गए हैं जिस कारण इन्हें आज भी याद किया जाता है। ये एक बेहतरीन राजनेता, लेखक, प्रखर वक्ता, स्वतंत्रता सेनानी के साथ-साथ एक नेक दिल इंसान भी रहे हैं।

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने भारत के अंतिम गवर्नर जनरल के विषय में जानकारी प्राप्त की है। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों के साथ सांझा करें। यदि इस आर्टिकल से संबंधित आपका कोई प्रश्न या सुझाव है तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करके जरूर बताएं।

जय हिंद जय भारत।

Share this Article
Leave a comment